Surprise Me!

ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं || आचार्य प्रशांत: थोड़ा बढ़ो पर बढ़ो तो (2018)

2019-11-29 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />३१ मई, २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल, ग्रेटर नोएडा<br /><br />गीत: ये दुनिया ये महफ़िल<br /><br />ये दुनिया ये महफ़िल मेरे काम की नहीं<br />किसको सुनाऊँ हाल-ए-दिल बेक़रार का<br />बुझता हुआ चराग़ हूँ अपने मज़ार का<br />ऐ काश भूल जाऊँ मगर भूलता नहीं<br />किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का<br />ये दुनिया…<br /><br />अपना पता मिले न खबर यार की मिले<br />दुश्मन को भी ना ऐसी सज़ा प्यार की मिले<br />उनको खुदा मिले है खुदा की जिन्हें तलाश<br />मुझको बस इक झलक मेरे दिलदार की मिले<br />ये दुनिया…<br /><br />सहरा में आके भी मुझको ठिकाना न मिला<br />ग़म को भूलाने का कोई बहाना न मिला<br />दिल तरसे जिस में प्यार को क्या समझूँ उस संसार को<br />इक जीती बाज़ी हारके मैं ढूँढूँ बिछड़े यार को<br />ये दुनिया…<br /><br />दूर निगाहों से आँसू बहाता है कोई<br />कैसे न जाऊँ मैं मुझको बुलाता है कोई<br />या टूटे दिल को जोड़ दो या सारे बंधन तोड़ दो<br />ऐ पर्बत रस्ता दे मुझे ऐ काँटों दामन छोड़ दो<br />ये दुनिया…<br /><br />गीत: ये दुनिया ये महफ़िल<br />संगीतकार: मोहम्मद रफी<br />फ़िल्म: हीर रांझा (१९७०)<br />बोल: कैफी आज़मी<br /><br /><br />संगीत: मिलिंद दाते

Buy Now on CodeCanyon